अवलोकन

रुही संस्थान विभिन्न आयु-वर्ग के लिए शैक्षणिक कार्यक्रमों का आयोजन करता है, 5 से 6 वर्ष की कोमल आयु से लेकर व्यस्कता तक। नीचे इसके वर्तमान में चल रहे तीन प्रयासों के तथा उनमें उपयोग में लाई जा रही सामग्री के विवरण दिए जा रहे हैं। इसे ध्यान में रखना चाहिए कि जैसे-जैसे कार्यक्षेत्र में हमारा अनुभव बढ़ेगा यह सूची लगातार परिवर्तन से गुज़रती जाएगी, और तब नये शीर्षक जोड़े जाऐंगे जब पाठ्यक्रम के वे तत्व जो अभी विकसित हो रहे हैं, उस अवस्था में पहुँच जाऐंगे कि वे व्यापक रुप से उपलब्ध हो सकें।

पाठ्यक्रमों के मुख्य अनुक्रम, 15 वर्ष तथा उससे अधिक आयुवालों के लिए

रुही संस्थान द्वारा युवाओं और व्यस्कों के लिए विकसित श्रृंखला के वर्तमान में उपलब्ध शीर्षक नीचे दिये जा रहे हैं। इन पुस्तकों का उददेश्य युवाओं व व्यस्कों द्वारा अपने समुदायों की सेवा करने की क्षमता बढ़ाने के क्रमबद्ध प्रयासों में पाठयक्रम की मुख्य धारा में उपयोग किया जाना है। रूही संस्थान इस श्रंखला की तीसरी पुस्तक जो बहाई बच्चों की कक्षा के शिक्षकों को प्रशिक्षित करने से संबधिंत है, की शाखा के रूप में एक अन्य पाठयक्रम भी विकसित कर रहा है और इसे इस सूची में इंगित भी किया गया है।

बच्चों की कक्षा, ग्रेड 2 को पढ़ाना (पूर्व-प्रकाशन संस्करण)
बच्चों की कक्षा, ग्रेड 3 को पढ़ाना (पूर्व-प्रकाशन संस्करण)
बच्चों की कक्षा, ग्रेड 4 को पढ़ाना (सामग्री विकास के चरण में)
प्रारम्भिक संवेग (सामग्री विकास के चरण में)
बढ़ता दायरा (सामग्री विकास के चरण में)

किशोर आध्यात्मिक सशक्तिकरण कार्यक्रम

अपनी शुरुआत से ही, रुही संस्थान 12 से 15 वर्ष के युवाओं से जुड़े अपने कार्य को विशेष महत्व देता आया है; विशेष रुप से, इसने स्थानीय समुदायों में ऐसे छोटे समूहों को बनाये रखने के गतिविज्ञान को समझा है जिसमें युवा विचारों पर परामर्श कर सकें तथा एक सुदृढ़ नैतिक पहचान बना सकें। संस्थान ने नीचे दिये गये शीर्षकों को इस कार्य के लिए उपयोगी पाया है। इन्हे दो श्रेणियों में विभाजित किया गया है और इनकी कठिनता के अनुसार सूचीबद्ध किया गया है। बाद में, संस्थान के किशोर युवा सशक्तिकरण कार्यक्रम में कुछ अन्य शीर्षक भी जुड़ेंगे।

सभी शीर्षक भाषा कौशल तथा अभिव्यक्ति की क्षमता के विकास से संबद्ध है। पहली श्रेणी की कुछ पुस्तकें गणितीय अवधारणाओं और सामाजिक मुद्दों को सम्बोधित करती हैं, जबकि बाकी, युवाओं को भौतिक, सामाजिक और आध्यात्मिक वास्ताविकता को वैज्ञानिक तरीकों से खोज करने के लिए तैयार करती हैं। हालाँकि पहली श्रेणी की सामग्री में नैतिक अवधारणाऐं बहाई शिक्षाओं पर आधारित हैं, किन्तु इनकी प्रकृति धार्मिक नहीं है, और न ही यह उन विषयों पर बात करती है जो विशिष्ट रुप से बहाई है। बहुत से संगठन, शैक्षिक संस्थानों सहित, इसे अपने किशोरों के लिए शैक्षणिक कार्यक्रम के रुप में उपयोगी पायेंगे। इस श्रेणी के वर्तमान शीर्षक निम्नलिखित हैः

सम्पुष्टि की सुरभि
आनन्द का स्रोत
एक व्यवस्थित मन की आदतें
आशा की किरण
सीधी राह पर चलना
स्वास्थ्य और कल्याण
उत्कृष्टता के बारे में सीखना
संख्याओं पर विचार
प्रेक्षण एवं अंतर्दृष्टि
मानव मन्दिर
शब्द की शक्ति का प्रयोग

युवाओं के साथ अपने कार्य में रुही संस्थान, दूसरी श्रेणी में बहाई सम्बन्धित विषयों को सम्बोधित करता है। इनमें वे विषय है, जिसमें किशोर सबसे अधिक संघर्ष करते हैं, जैसे, स्वतन्त्र इच्छाशक्ति और भाग्य तथा इच्छाशक्ति एवं ज्ञान के बीच का जटिल सम्बन्ध। वर्तमान में, निम्नलिखित शीर्षक इस श्रेणी में हैः

आस्था की चेतना
पवित्र चेतना की शक्ति
प्रकाश किरणें 

आध्यात्मिक सशक्तिकरण कार्यक्रम, किशोरों के एक छोटे समूह में, किसी गाँव या मोहल्ले में एक बड़ी उम्र के युवा द्वारा चलाया जाता हैं। रुही संस्थान शाखा पाठ्यक्रमों की एक श्रृंखला तैयार कर रहा है, पुस्तक 5 इस मुख्य अनुक्रम की शुरुआत है, ताकि बड़ी उम्र के युवा व व्यस्क इन समूहों के “अनुप्रेरकों” के रुप में सेवा दे सकें। अगर आप उनकी टिप्पणियों को पढ़ना चाहते हैं जिन्होने इस कार्यक्रम में भाग लिया है, यहाँ क्लिक करें।

आध्यात्मिक शिक्षा के लिए बच्चों की बहाई कक्षाऐं

बच्चों की बहाई कक्षाओं के पाठ, ग्रेड 1 की शुरुआत से जो कि 5 से 6 वर्ष के बच्चों के लिए है, शिक्षकों के प्रशिक्षण के सन्दर्भ में प्रस्तुत की जाती है। जहाँ हर जगह के लोग अपने बच्चों को उनकी आध्यात्मिक शिक्षा के लिए कक्षाओं में भेजने के लिए उत्सुक है, वहीं अनुभव दर्शाता है कि चुनौती इस माँग को पूरा करने के लिए पर्याप्त संख्या में शिक्षकों को प्रशिक्षण देने में है। रुही संस्थान बच्चों की बहाई कक्षाओं के शिक्षकों के प्रशिक्षण के लिए पाठ्यक्रमों का समुच्चय तैयार कर रहा है जो कि मुख्य श्रृंखला की तीसरी पुस्तक की शाखा के रूप में निकलेंगे, तथा कक्षाओं के लिए अपेक्षित सामग्री प्रत्येक पुस्तक में होगी। मुख्यतः बचपन के शुरुआती वर्षों में, आध्यात्मिक गुणों के विकास पर, तथा उन धारणाओं, आदतों और आचरण के पैटर्नों पर जो एक आध्यात्मिक व्यक्ति के आवश्यक गुणों को निर्मित करता है, बहुत अधिक ज़ोर दिया जाता है।

बच्चों की कक्षा, ग्रेड 1 को पढ़ाना
बच्चों की कक्षा, ग्रेड 2 को पढ़ाना (पूर्व-प्रकाशन संस्करण)
बच्चों की कक्षा, ग्रेड 3 को पढ़ाना (पूर्व-प्रकाशन संस्करण)
बच्चों की कक्षा, ग्रेड 4 को पढ़ाना (सामग्री विकास के चरण में)

ग्रेड 1 और 2 के साथ वे गीत और कोर्डस् हैं जो बच्चों के लिए उपयुक्त हैं। इन गीतों को विभिन्न भाषाओं में डाउनलोड करने के लिए यहाँ क्लिक करें। ग्रेड 1 के पाठों में उपयोग में लाये जाने वाले रंग भरने वाले चित्रों को उनसे सम्बधित उद्धरणों के साथ विभिन्न भाषाओं में डाउनलोड करने के लिए यहाँ क्लिक करें।